चाय या कॉफी☕☕
भाग 16
गिरिजा और अनामिका ने प्रीवेडिंग सेलिब्रेशन की पार्टी खूब जोरशोर से किया।
तरह तरह के कॉकटेल, मॉकटेल और डिशेज खाने के बाद सब अपने अपने घर लौट आए।
दूसरे दिन आरती की सबसे बेस्ट फ्रेंड की शादी थी।पर उसके भीतर कोई उत्साह तो था ही नहीं।
एक तरफ शमन का मानसिक तनाव दूसरी ओर लिया का बचपना.. सबकुछ उसे भीतर से तोड़ रहा था।
मौसी आरती के इंतजार में ड्राइंग रूम में बैठी ही थी।
देर रात जब आरती घर पहुंची तो वह मौसी को जागते देखकर आश्चर्य से भर गई।
उसने कहा
,,मौसी ,आप अभी तक जागे हो। क्यों सब ठीक तो है।,,
,,हाँ बेटा, सब ठीक है।नींद नहीं आ रही थी तो यहीं बैठी थी।इतनी देर कैसे हो गई।कहाँ रह गई थी।,,
,,वो मॉसी, कल अनु का मैरिज है ना तो हमलोग सेलिब्रेट कर रहे थे। इसलिए..!,,
मॉसी यह सुन कर बोल पड़ीं
,,हाय शादी कर रही है तुम्हारी फ्रेंड और बस तुम्हें नहीं मिलता कोई..।
,,क्या उठा लिया मॉसी.. अब छोड़ो..ये सारी बातें..!,, ठंढी साँस लेकर आरती उठकर खड़ी हो गई।
...मॉसी मै हाथ मुंह धोकर आती हूँ..।,,आरती वाशरूम में आइने के सामने खड़ी थी।
अपने चेहरे को निहारते हुए खुद से ही प्रश्न करने लगी थी।
उसे शमन ने खुद अपने परिवार के कारण..बल्कि अपने पिता की जायदाद के कारण छोड़ दिया था।
अब उसे ही दोषी मानकर उसे ब्लेकमेल कर रहा है.. एक छोटी सी अट्ठारह बीस साल की बच्ची को ढाल बना कर ..न जाने क्या प्रूव करने में लगा हुआ है...!
चेहरे पर पानी के छींटे मारकर तौलिए से पोंछती हुई बाहर आई।
वह सोच रही थी कि लिया से आखिर कैसा कॉनट्रैक्ट शमन एंड कंपनी ने करवाया होगा..!
बाहर ड्राइंग रूम में आई तो केतकी मॉसी कॉफी बना कर आरती का इंतजार कर रही थी।
,,आ जा बेटा आरती, कॉफी पीओ।थकान उतर जाएगी।,,
,,जी मॉसी।,,आरती ने कहा और कॉफी पीने लगी।
,, बेटा, एक बात बोलूं... देख गलत मत समझना।
दीदी तो चली गई.. ,जीजाजी का हाल तुझे पता ही है ।
तेरे दोनों भाई कितने नालायक हैं, यह तो तुम्हें भी पता..।
और कोई है नहीं। कब तक हमारी साँसें बची हैं..।वैसे तुम्हें कमी किस बात की है..
कोई अच्छा मिल जाए..कर ले शादी.. आसमान से नहीं उतरने वाला कोई ।,,
मॉसी सही बोल रही थी लेकिन आरती को यह बात चुभ गई।
जिंदगी का अकेलापन अब उसे चुभने लगा था। लेकिन अब इन काँटों को साफ कैसे करे।
उसे चुप देखकर मॉसी ने फिर कहा
,,बेटा आरती, चुप क्यों हो?,,
,,कुछ नहीं मॉसी।..अब कौन बैठा होगा मेरे इंतजार में...!तुम हो न..बस काफी है.. और किसी का इंतजार नहीं...!
..रात बहुत हो गई है मॉसी अब सो जाईये.. मैं भी जाती हूँ।कल जल्दी उठना। है।,,
आरती उठकर अपने कमरे में आ गई।वह आकर अपने कमरे की खिड़की में खड़ी हो गई।
खिड़की पर पड़ रहे प्रकाश से उसका प्रतिबिंब चमक रहा था।
अपना अक्स देखकर खुद ही व्यथित हो गई।
पहले भी वह शमन को भूल नहीं पाई थी लेकिन अब उसका वहशीपन उसे भीतर से तोड़ दिया था।
क्या करे न करे..वह ..!आरती बहुत ही परेशान हो गई थी।
अचानक टिं टिं कर व्हाट्सएप का मैसेज चमका।
लिया का मैसेज था
व्हाट्सएप पर..
कॉन्ट्रैक्ट डील डन..! साथ में हैंड अप का साइन।
आरती पसीने से भर गई।अब वह अपने बीमार मॉसी से क्या बोले..!
***
सीमा..✍️🌷
©®
Madhumita
27-Jul-2022 07:55 PM
बहुत ही सुन्दर
Reply
नंदिता राय
27-Jul-2022 07:37 PM
बहुत खूब
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Khushbu
27-Jul-2022 07:16 PM
V nice
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